गमे खाया गमे दिल का
दीदार हु मै
किसी गमें तमन्ना का
करजदार हु मै
हस भी नही सकता
रोने को मजबूर हु मै
इसी मजबूर सूरत का
करजदार हु मै
रुलाया भी नही इसने
इसका एक किरदार हु मै
अपने इस दिली आईने का
शुक्रगुजार हु मै
इसी गमे दिल से
रोने की हसी हँसा हु मै
हसाया है उसको भी मैंने
जिसका प्यार हु मै
हर कदम पर तरपते
दिलो की कतार हु मै
किसी गम दिल में
हसी की बहार हु मै
hasate हुए गमे दिलो की
पुकार हु मै
रोते हुए दिलो को
हसाती सरकार हु मै
गमो में भी हँसना सीखो
farmaaysi तरफदार हु मै
गम की धुन का नही
“ हसी की धुन का संगीतकार हु मै”
कैलाश खुलबे “ वशिष्ठ”
पाठक ध्यान दे …. बिना अनुमति कही अन्यत्र उपयोग न करे......
2 टिप्पणियां:
aaa
This is very good kailash ji. I am practically impressed. Keep writing
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