तेरी ही ले चरण धूलि हम सब माँ उत्त्राखंडा
जनम जनम से माता हमने प्यार तेरा ही पाया
देव भूमि तू देवलोक है निर्मल तेरी काया
धर्मं करम में नहीं है पीछे यही है तेरा शाया
सदियों से इस देवलोक में स्वर्ग सा jiwan पाया
सृष्टि देव शिव, ब्रह्मा विष्णु शिवजी का शिवालय
हे माँ तेरा आँचल ही है हम सबका विधालय
पाया माता हमने तुझमे दुनिया भर का प्यार यहाँ
charan dhuli ले माता तेरी गंगा baate प्यार यहाँ
धर्मं करम और प्रेम भावः का हर घर में एक दीप जले
तेरा हर एक बच्चा बच्चा सचाई की aor बढे
यहाँ नहीं है झूठ फरेब और अन्यायी का डेरा
हर घर की तू शान है माँ हर घर में तेरा डेरा
हर घर में एक दीप है जलता माता तेरे नाम का
बच्चे बुधे माँ बहिनों के सत्यपूर्ण अरमान का
खुशहाली हर घर में हो हर घर में तेरा प्यार हो
जनम ले हम फिर इस माती में चाहे जनम हजार ..........
Kailash Khulbe " vashishtha"
Paathak dhyaan de ..... bina anumati kahi anyatra prayog n kare........
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